देख कर बाधा विविध बहुविघ्न घबराते नहीं । काम कितना भी कठिन हो किन्तु उकताते नहीं । कोस कितने ही चलें पर वे कभी थकते नहीं । कौन सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं ।। कठिनाइयाँ और प्रतिकूल परिस्थितियाँ व्यक्ति में एक ऐसे साहस और पुरुषार्थ का प्रादुर्भाव कर देती है जो उसे उन परिस्थितियों से लड़ने का बल सहज ही प्रदान करती हैं। बालकों के मन में साहस के बीज बोना भी अत्यंत आवश्यक है. और इसी के लिए गीता परिवार ने पर्वतारोहण जैसे उपक्रम का प्रयोग बाल संस्कार कार्य के लिए किया. भारत का इतिहास शौर्य और साहस की गाथाओं से भरा पड़ा है | सज्जनों की रक्षा और दुष्टों के संहार के लिये शौर्य की साधना आवश्यक है | गीता परिवार के संस्कार-कार्य में भक्ति के साथ-साथ शक्ति का संगम भी देखने मिलता है | गीता परिवार द्वारा अनेक शहरों तथा गाँवों में कराटे वर्गों का संचालन किया जाता है। शौर्य और साहस को यदि अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का संस्कार न हो तो ये विध्वंशक भी हो सकती है | गीता परिवार द्वारा संचालित कराटे वर्ग की विशेषता ये है कि यहाँ अनुशासन और आध्यात्मिकता का संस्कार भी किया जाता है | गीता परिवार के बड़े-बड़े उपक्रमों में, महोत्सव आदि में कराटे वर्ग एवं गिरीभ्रमण के विद्यार्थी अत्यंत अनुशासन के साथ अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह करते हैं. पूज्य स्वामीजी के आशीर्वाद से एक शौर्य-सम्पन्न देश का निर्माण हम करेंगे, ऐसा विश्वास है |