गीता परिवार
हमारे देश की संस्कृति जीवनमूल्यों पर आधारित संस्कृति है। हमारे देश का इतिहास जीवनमूल्यों की महिमा बढ़ानेवाला इतिहास है। लेकिन उस संस्कृति को हम भूल रहे हैं और सुख-शांति को खो रहे हैं। समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए हमारी संस्कृति का रक्षण करना हमारा परम कर्तव्य है।
गीता परिवार के अनगिनत निष्ठावान कार्यकर्ता एक परम वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण के उद्देश्य के साथ कार्य कर रहै हैं। आज के बालक भविष्य के भारत के महान अट्टालिका की नींव हैं और इस नींव को उस महान् कार्य हेतु समर्थ बनाने का व्रत गीता परिवार ने लिया है।
रोचक और मनोरंजक रूप से बालकों के जीवन में नैतिक मूल्यों का बीजरोपण करने वाली अनेक गतिविधियों का संचालन गीता परिवार अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से करता है। बालकों के शरीर, मन और बुध्दि के सम्पूर्ण विकास से उन्हे 'सम्यक् आकार' अर्थात संस्कार देने का कार्य शहरों व गाँवों में स्थित सैकड़ों केंद्रों में चल रहा है।