श्रीगणेश, प्रल्हाद, भरत, ध्रुव, लव-कुश, श्रवण कुमार
इनके सारे गुण अपनाऊँ, यश गाये संसार.
कर्मवीर बनने का बल दो, मुझे कृष्ण भगवान्,
अच्छे काम करूँ जीवन में, मैं भी बनूँ महान.
कथा-कहानी बाल-संस्कार का सर्वोत्तम माध्यम है. कथा-कहानियों ने ही अनेक महापुरुषों के जीवन का निर्माण किया है. स्वाभाविक है कि बाल संस्कार के क्षेत्र में कार्यरत गीता परिवार के लिए कथाकथन बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. कथा-कथन के माध्यम से जीवन मूल्यों की शिक्षा प्रभावी ढंग से दी जा सकती है, इसलिए कथाकथन संस्कार वर्गों और शिविरों का अभिन्न अंग होता है. उतम कथा-कथन करने वाले कार्यकर्ता बालकों को बहुत अच्छे लगते हैं. कथा-कथन तंत्र का विकास करते हुए स्वयं कार्यकर्ता का भी उत्तरोत्तर विकास होते जाता है.