संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति एक दुसरे के अभिन्न अंग है. आधुनिक युग मे जब बच्चे अंग्रेजी माध्यम की स्कुलो मे अध्ययन करते है तो ऐसे मे उन्हे संस्कृत सीखना तो दूर उनकी वाणी को संस्कृत बोलने का अभ्यास भी नही रहता. वाणी के संस्कार के लिये संस्कृत का पठन अत्यंत आवश्यक है. इसी कारण संस्कृत पाठांतर गीता परिवार की गतीविधियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. अनेक संस्कृत श्लोक एवं स्तोत्र हमारे वर्गो और शिविरो मे सिखाये जाते है.