अनेक रोचक और मनोरंजक गतिविधियों से भरा होता है गीता परिवार का आवासीय संस्कार शिविर. गीता परिवार के कार्य की शुरुआत संगमनेर में सन् 1986 में बाल संस्कार शिविर के आयोजन के साथ ही हुई थी. स्वयं पूज्य स्वामी जी और उनके साथ स्व. ओंकारनाथजी मालपाणी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते थे. संगमनेर में आयोजित शिविरों को अपार सफलता मिली और उसके बाद अन्य स्थानों से ऐसे ही शिविरों के आयोजन के निमंत्रण आने लगे. इन शिविरों के साथ ही *संगमनेर की सीमाओं को लांघकर* गीता परिवार आगे बढ़ा और विकसित हुआ.