कहते है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. कॉविद-१९ वायरस की वैश्विक महामारी के समय जब सभी काम-काज रुक गये तभी गीता परिवार के ग्रीष्मकालीन संस्कार वर्गो का समय आया. जो कार्य पिछले ३५ वर्षो मे नही रुका वो कैसे रुक सकता है!! और इसी से ई-संस्कार वाटिका की संकल्पना सामने आई. गीता परिवार के संस्कार वर्ग के पाठ्यक्रम के सत्र ई-संस्कार वाटिका के लिये विडीओ रूप मे बनाये गये. १५ दिनो के इस ऑनलाईन संस्कार वर्ग मे १८ देशो से ३५००० बच्चो ने हिस्सा लिया.